बीते कुछ दिनों में चार बड़े विमान हादसे से पूरी दुनिया दहल गई है। इस साल के आखिरी महीने में हुए विमान हादसों ने पूरी दुनिया को दहला कर रख दिया है। दक्षिण अफ्रीका, कजाकिस्तान, कनाडा और नार्वे के विमानों में हुए हादसे से पूरी दुनिया हिल गई है। पहला विमान हादसा दक्षिण कोरिया में हुआ, हादसे में मुआन इंटरनेशनल एयरपोर्ट विमान दुर्घटना का शिकार हो गया। इस विमान हादसे में करीब 179 लोगों की मौत होने की पुष्टि की गई है और ये साल 2024 के बड़े विमान हादसों में से एक है। रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया में हवाई अड्डे पर उतरते समय यात्री विमान में आग लग गई, जिसके बाद इतना बड़ा हादसा हो गया। दक्षिण कोरिया के परिवहन मंत्रालय ने बताया कि बोइंग 737-800 जेट विमान 15 साल पुराना था और ये विमान बैंकॉक से लौट रहा था, तभी अचानक विमान के लैंडिंग गियर में कुछ दिक्कत आने की खबर सामने आई और जब पायलट ने विमान को इमरजेंसी लैंडिंग कराने की कोशिश की तो ये बड़ा हादसा हो गया। विमान में कुल 181 यात्री सवार थे और हादसे में करीब 179 लोगों की मौत होने की खबर है। विमान में लगी आग पर काबू पाने के लिए तैनात दमकल की 32 गाड़ियों और कई हेलीकॉप्टर ने काफी देर मशक्कत किया, लेकिन इन तमाम कोशिशों के बाबजूद विमान में सवार लोगों की जान को बचाया नहीं जा सका। विमान हादसे के बाद मुआन हवाई अड्डे का रनवे एक जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है। हादसे को लेकर मुआन में आपातकालीन अधिकारियों का कहना है कि विमान के लैंडिंग गियर में खराबी आ जाने के कारण हादसा हुआ। माना जा रहा है कि दुर्घटना विमान के पक्षियों के संपर्क में आने के कारण हुआ, जिसके कारण लैंडिंग गियर में खराबी आ गई।
दक्षिण कोरिया के मुआन एयरपोर्ट पर रविवार सुबह एक बड़ा विमान हादसा हो गया। क्रू मेंबर समेत 181 यात्रियों को लेकर बैंकॉक से लौट रहा प्लेन लैंडिंग गियर में खराबी आने के कारण लैंड करते वक्त रनवे से फिसल गया और विमान देखते ही देखते आग के गोले में बदल गया और चालक दल सहित विमान में सवाल 181 में से 179 लोगों की इस घटना में मौत हो गई। हादसे में दो लोगों की जान बच गई है। आपको बता दें कि इससे पहले इसी सप्ताह बुधवार को कजाकिस्तान से रूस जा रहा एक यात्री विमान अक्ताऊ शहर में हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और इस हादसे में 38 यात्रियों की मौत हो गई थी। यह दुर्घटना अजेरबाइजान एयरलाइंस के एक यात्री विमान के साथ हुआ था। कुछ ऐसा ही हादसा कनाडा के हैलिफैक्स एयरपोर्ट पर भी शनिवार देर रात एक विमान के साथ हो गया, विमान लैंडिंग के दौरान रनवे से फिसल गया। लैंडिंग के समय विमान का लैंडिंग गियर टूट गया था, जिसके बाद विमान लैंडिंग करते समय रनवे से टकरा गया और हादसे के बाद विमान में आग लग गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हादसे में किसी भी यात्री को नुकसान नहीं पहुंचा है। हादसे के तुरंत बाद फ्लाइट में सवार सभी यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया। यूरोपियन कंट्री नॉर्वे के ओस्लो टॉर्प सैंडफियोर्ड एयरपोर्ट पर आपात लैंडिंग के दौरान विमान हादसे का शिकार हो गया। शनिवार देर रात केएलएम रॉयल डच एयरलाइंस के विमान ने उड़ान भरा था, 737-800 विमान ओस्लो एयरपोर्ट से एम्स्टर्डम की ओर जा ही रहा था की रास्ते में विमान में कुछ तकनीकी खराबी आ गई, जिसके बाद विमान को ओस्लो टॉर्प सैंडफियोर्ड एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कराया गया। लैंडिंग के दौरान विमान रनवे से फिसल गया। हालांकि इस हादसे में किसी भी पैसेंजर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
दक्षिण कोरिया में रविवार को हुए बड़े विमान हादसे में 179 लोगों की मौत से पूरी दुनिया स्तब्ध है। फिलहाल इस हादसे की वजह की जांच हो रही है। इसी बीच खबर आ रही है कि अमेरिका के जांचकर्ताओं की एक टीम भी दक्षिण कोरिया पहुंच चुकी है और ये टीम स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर हादसे की जांच कर रही है। दुर्घटना के संभावित कारण में बताया जा रहा है कि विमान से पक्षी के टकराने से यह दुर्घटना हुई। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि मुआन एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने विमान से पक्षी टकराने का अलर्ट भेजा था। आशंका है कि एक पक्षी के विमान से टकराने से विमान का लैंडिंग गियर में खराबी आई और लैंडिंग के वक्त गियर नहीं खुल पाया। दुर्घटना से कुछ मिनट पहले विमान के पायलट ने 'मेडे' का अलर्ट भी भेजा था। आपको बता दें, प्लेन में 'मेडे' का मतलब है कि विमान और यात्रियों की जान को खतरा है और तुरंत मदद की अवश्यसकता है। यह एक अंतरराष्ट्रीय संकट संकेत है, जिसका इस्तेमाल हवाई जहाज के पायलट और नाव के कप्तान आपातकालीन स्थिति में करते हैं। 'मेडे' शब्द का इस्तेमाल तीन बार किया जाता है ताकि दूसरे छोर पर बैठा अधिकारी इमरजेंसी कॉल सुन सके। इस शब्द की कल्पना साल 1920 के दशक में इंग्लैंड के क्रॉयडन हवाई अड्डे पर रेडियो के प्रभारी अधिकारी फ्रेडरिक स्टेनली मॉकफोर्ड ने की थी। उन्होंने यह शब्द फ्रेंच शब्द 'm'aider' से लिया था जिसका मतलब है 'मेरी मदद करो'।
बीते कुछ दिनों में चार बड़े विमान हादसे से पूरी दुनिया दहल गई है। इस साल के आखिरी महीने में हुए विमान हादसों ने पूरी दुनिया को दहला कर रख दिया है। दक्षिण अफ्रीका, कजाकिस्तान, कनाडा और नार्वे के विमानों में हुए हादसे से पूरी दुनिया हिल गई है। पहला विमान हादसा दक्षिण कोरिया में हुआ, हादसे में मुआन इंटरनेशनल एयरपोर्ट विमान दुर्घटना का शिकार हो गया। इस विमान हादसे में करीब 179 लोगों की मौत होने की पुष्टि की गई है और ये साल 2024 के बड़े विमान हादसों में से एक है। रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया में हवाई अड्डे पर उतरते समय यात्री विमान में आग लग गई, जिसके बाद इतना बड़ा हादसा हो गया। दक्षिण कोरिया के परिवहन मंत्रालय ने बताया कि बोइंग 737-800 जेट विमान 15 साल पुराना था और ये विमान बैंकॉक से लौट रहा था, तभी अचानक विमान के लैंडिंग गियर में कुछ दिक्कत आने की खबर सामने आई और जब पायलट ने विमान को इमरजेंसी लैंडिंग कराने की कोशिश की तो ये बड़ा हादसा हो गया। विमान में कुल 181 यात्री सवार थे और हादसे में करीब 179 लोगों की मौत होने की खबर है। विमान में लगी आग पर काबू पाने के लिए तैनात दमकल की 32 गाड़ियों और कई हेलीकॉप्टर ने काफी देर मशक्कत किया, लेकिन इन तमाम कोशिशों के बाबजूद विमान में सवार लोगों की जान को बचाया नहीं जा सका। विमान हादसे के बाद मुआन हवाई अड्डे का रनवे एक जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है। हादसे को लेकर मुआन में आपातकालीन अधिकारियों का कहना है कि विमान के लैंडिंग गियर में खराबी आ जाने के कारण हादसा हुआ। माना जा रहा है कि दुर्घटना विमान के पक्षियों के संपर्क में आने के कारण हुआ, जिसके कारण लैंडिंग गियर में खराबी आ गई।
दक्षिण कोरिया के मुआन एयरपोर्ट पर रविवार सुबह एक बड़ा विमान हादसा हो गया। क्रू मेंबर समेत 181 यात्रियों को लेकर बैंकॉक से लौट रहा प्लेन लैंडिंग गियर में खराबी आने के कारण लैंड करते वक्त रनवे से फिसल गया और विमान देखते ही देखते आग के गोले में बदल गया और चालक दल सहित विमान में सवाल 181 में से 179 लोगों की इस घटना में मौत हो गई। हादसे में दो लोगों की जान बच गई है। आपको बता दें कि इससे पहले इसी सप्ताह बुधवार को कजाकिस्तान से रूस जा रहा एक यात्री विमान अक्ताऊ शहर में हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और इस हादसे में 38 यात्रियों की मौत हो गई थी। यह दुर्घटना अजेरबाइजान एयरलाइंस के एक यात्री विमान के साथ हुआ था। कुछ ऐसा ही हादसा कनाडा के हैलिफैक्स एयरपोर्ट पर भी शनिवार देर रात एक विमान के साथ हो गया, विमान लैंडिंग के दौरान रनवे से फिसल गया। लैंडिंग के समय विमान का लैंडिंग गियर टूट गया था, जिसके बाद विमान लैंडिंग करते समय रनवे से टकरा गया और हादसे के बाद विमान में आग लग गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हादसे में किसी भी यात्री को नुकसान नहीं पहुंचा है। हादसे के तुरंत बाद फ्लाइट में सवार सभी यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया। यूरोपियन कंट्री नॉर्वे के ओस्लो टॉर्प सैंडफियोर्ड एयरपोर्ट पर आपात लैंडिंग के दौरान विमान हादसे का शिकार हो गया। शनिवार देर रात केएलएम रॉयल डच एयरलाइंस के विमान ने उड़ान भरा था, 737-800 विमान ओस्लो एयरपोर्ट से एम्स्टर्डम की ओर जा ही रहा था की रास्ते में विमान में कुछ तकनीकी खराबी आ गई, जिसके बाद विमान को ओस्लो टॉर्प सैंडफियोर्ड एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कराया गया। लैंडिंग के दौरान विमान रनवे से फिसल गया। हालांकि इस हादसे में किसी भी पैसेंजर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
दक्षिण कोरिया में रविवार को हुए बड़े विमान हादसे में 179 लोगों की मौत से पूरी दुनिया स्तब्ध है। फिलहाल इस हादसे की वजह की जांच हो रही है। इसी बीच खबर आ रही है कि अमेरिका के जांचकर्ताओं की एक टीम भी दक्षिण कोरिया पहुंच चुकी है और ये टीम स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर हादसे की जांच कर रही है। दुर्घटना के संभावित कारण में बताया जा रहा है कि विमान से पक्षी के टकराने से यह दुर्घटना हुई। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि मुआन एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने विमान से पक्षी टकराने का अलर्ट भेजा था। आशंका है कि एक पक्षी के विमान से टकराने से विमान का लैंडिंग गियर में खराबी आई और लैंडिंग के वक्त गियर नहीं खुल पाया। दुर्घटना से कुछ मिनट पहले विमान के पायलट ने 'मेडे' का अलर्ट भी भेजा था। आपको बता दें, प्लेन में 'मेडे' का मतलब है कि विमान और यात्रियों की जान को खतरा है और तुरंत मदद की अवश्यसकता है। यह एक अंतरराष्ट्रीय संकट संकेत है, जिसका इस्तेमाल हवाई जहाज के पायलट और नाव के कप्तान आपातकालीन स्थिति में करते हैं। 'मेडे' शब्द का इस्तेमाल तीन बार किया जाता है ताकि दूसरे छोर पर बैठा अधिकारी इमरजेंसी कॉल सुन सके। इस शब्द की कल्पना साल 1920 के दशक में इंग्लैंड के क्रॉयडन हवाई अड्डे पर रेडियो के प्रभारी अधिकारी फ्रेडरिक स्टेनली मॉकफोर्ड ने की थी। उन्होंने यह शब्द फ्रेंच शब्द 'm'aider' से लिया था जिसका मतलब है 'मेरी मदद करो'।
दिल्ली में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही राजनीतिक दलों के बीच पोस्टर वॉर की शुरुवात हो चुकी है। भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी एक-दूसरे पर वार-पलटवार करने का मौका नहीं छोड़ रही हैं। सोमवार, 30 दिसंबर को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पुजारी और ग्रंथी सम्मान योजना की घोषणा कर दी। अब इस पर मंगलवार, 31 दिसंबर को दिल्ली भाजपा ने केजरीवाल पर तंज कसते हुए पोस्टर जारी किया है। इस पोस्टर में केजरीवाल को चुनावी हिंदू बताया गया है। दिल्ली बीजेपी के सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर जारी पोस्टर में अरविंद केजरीवाल रुद्राक्ष की माला के साथ ही फूलों की माला भी पहने दिखाई दे रहे हैं। पोस्टर में लिखा है- चुनावी हिंदू। साथ ही इस पोस्टर के बैकग्राउंड में घंटियां दिख रही हैं, जिसमें नीचे लिखा है- "मंदिर जाना बस मेरे लिए एक छलावा, पुजारियों का सम्मान मेरा चुनावी दिखावा, सनातक धर्म का मैंने हमेशा मजाक उड़ाया"। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर पोस्टर के साथ में भाजपा ने चुनावी हिंदू केजरीवाल कहते हुए लिखा "जो 10 साल से इमामों को सैलरी बांटता रहा, जो प्रभु श्रीराम का मंदिर बनने से खुश नहीं थे, जिसने मंदिर और गुरुद्वारों के बाहर शराब के ठेके खोले, जिसकी पूरी राजनीति हिन्दू विरोधी रही, उसे अब चुनाव आते ही पुजारियों और ग्रंथियों की याद आ गई। भाजपा के इस पोस्टर पर आम आदमी पार्टी ने पलटवार किया है, पार्टी ने भाजपा को ओपन चैलेंज दिया है। आम आदमी पार्टी ने पोस्टर पर पलटवार करते हुए पोस्ट किया कि भाजपा में हिम्मत है तो अरविंद केजरीवाल की खुली चुनौती को स्वीकार करें, पार्टी ने भाजपा को चैलेंज किया कि वह देश के 20 राज्यों में जहां भाजपा की सरकार है, वहां पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना शुरू करके दिखाएं। केजरीवाल ने ओपन चैलेंज देते हुए कहा कि मेरी चुनैती स्वीकार करो।
सोमवार, 30 दिसंबर को आम आदमी पार्टी ने मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को हर माह 18 हजार रुपये देने का वादा किया। वहीं मंगलवार, 31 दिसंबर को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हनुमान मंदिर पहुंचकर पुजारियों का पंजीकरण की शुरूआत की। दिल्ली में पहले से ही महिला सम्मान और संजीवनी योजना विवादों में चल रही है। दरअसल, आतिशी की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार के महिला और बाल कल्याण विभाग ने ही केजरीवाल की इस योजना पर बड़ा प्रष्न चिंह लगाते हुए कह दिया था की ऐसी कोई योजना दिल्ली सरकार द्वारा नहीं चलाई जा रही है। इसी बीच अब बीते दिन सोमवार को केजरीवाल ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर दिल्ली में मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों के लिए पुजारी-ग्रंथी योजना की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि यदि पार्टी सत्ता में आती है तो हर माह सभी पुजारी-ग्रंथी को 18 हजार रुपये प्रति माह सम्मान राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस राशि को वेतन या तनख्वाह नहीं कहूंगा, लेकिन आज इस योजना के जरिए हम पुजारियों और ग्रंथियों का सम्मान करने के लिए इसकी घोषणा कर रहे हैं। सरकार बनने पर लगभग 18 हजार रुपये महीना सम्मान राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि एक पुजारी हमारे सुख-दुख सब में काम आते हैं। वो सदियों से हमारी परंपराओं, हमारे रीति रिवाजों और संस्कारों को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाते आए हैं और यह देश में पहली बार हो रहा है की जब कोई सरकार उनके हक़ में ऐसा फैसला ले रही हो। केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उन्होंने संजीवनी योजना रोकने की कोशिश की लेकिन रोक नहीं पाए। इसी तरह पुजारियों और ग्रंथियों की योजना को रोकने की कोशिश ना करें।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नए साल पर खूनी खेल खेला गया। लखनऊ के एक होटल में बेटे ने अपने ही परिवार के पांच लोगों की हत्या को अंजाम दे दिया। बता दें, 24 साल के अरशद ने अपनी मां और चार बहनों को बेरहमी से मार डाला। नए साल पर हुई इस दिल दहलाने वाली वारदात से पूरे लखनऊ में सनसनी फैल गई है। नए साल की सुबह-सुबह मिली पांच हत्याओं की खबर से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। हत्या की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने मौके पर पहुँच कर आरोपी अरशद को गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल पुलिस अरशद से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बता दें, मिल रही खबर के अनुसार आरोपी ने हत्याकांड को अंजाम देने के बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। सोशल मीडिया पर पोस्ट इस वीडियो में आरोपी हत्या करने की वजह बताता दिख रहा है। वीडियो में अरशद ने कहा है कि मैंने अपने हाथों से मां और बहन को मारा है। इसके जिम्मेदार बस्ती वाले हैं। हमारा घर इन लोगों ने छीनने के लिए न जाने कितने-कितने जुल्म किए। हमने आवाज उठाई तो हमारी किसी ने नहीं सुनी, 10-15 दिन हो गए हैं हमें सर्दी में भटकते हुए, पूरी बस्ती इन हत्याओं की जिम्मेदार है। आगरा के इस परिवार की निर्मम हत्या से पूरी बस्ती में नव वर्ष का जश्न फीका पड़ गया है।
खबरों से मिल रही जानकारी के अनुसार अरशद और उसका परिवार आगरा जिले के कुबेरपुर का रहने वाला है। आगरा के टेड़ी बगिया क्षेत्र के इस्लाम नगर के रहने वाले 24 साल के अरशद ने लखनऊ के होटल में ये खूनी खेल खेला है। इस सनसनीखेज हत्याकांड में हैरान करने वाली बात ये है कि माँ के अलावा चार बहनों में से दो नाबालिग हैं, जबकि दो की उम्र महज 18 और 19 साल है। लखनऊ के होटल शरनजीत में इन पांच हत्याओं से पूरे शहर में सनसनी फैल गई है और नए साल के मौके पर हुए इस वारदात ने शहर के पुलिस महकमे को भी सकते में डाल दिया है। बताया जा रहा है कि अरशद अपने पिता, मां आस्मा और चार बहन आलिया (9), अल्शिया (19), अक्सा (16) और रहमीन (18) के साथ लखनऊ के नाका थाना इलाके के होटल शरनजीत में रुका हुआ था। अरशद ने देर रात में पारिवारिक विवाद में सामूहिक हत्याकांड को अंजाम दिया। वारदात के बाद से ही पिता कहां है, इसकी जानकारी अभी नहीं मिल सकी है। वहीं, इस हत्याकांड की जानकारी मिलने के बाद अरशद के घर पर लोगों की भीड़ जुट गई और मामले की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय पुलिस भी वहां पहुंची। पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि कुछ दिन पूर्व ही पड़ोसी दुकानदार से अरशद का झगड़ा हुआ, जिसके बाद उसने छत से खड़े होकर उस पर पथराव कर दिया। मोहल्ले के लोग उससे दूर ही रहते थे। पुलिस की पूछताछ में अरशद ने हत्या करने की बात कबूल कर ली है। उसने पुलिस को बताया कि उसका परिवार से किसी बात को लेकर विवाद था, इसी वजह से उसने अपनी मां और चार बहनों की हत्या कर दी। पुलिस ने मिली जानकारी के बाद बताया की लखनऊ के होटल में अपनी मां और चार बहनों की हत्या करने वाला अरशद बहुत ही गुस्सेल स्वाभाव का है।
नए साल की बुधवार की सुबह पुलिस को सूचना मिली तो पुलिस की टीम आनन फानन में मौके पर पहुंची। आरोपी अरशद हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद भागा नहीं था। पुलिस ने उसे होटल से गिरफ्तार कर लिया। खून से लथपथ लाशें देख लोगों की रूह कांप गई। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। डीसीपी रवीना ने बताया कि घटना की सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। मामले में आरोपी से पूछताछ की जा रही है कि उसने ऐसा कदम क्यों उठाया। इसके साथ ही फोरेंसिक टीम को बुलाकर साक्ष्य जुटाए गए हैं, मामले में विस्तृत जांच एवं अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है। ज्वाइंट सीपी बबलू कुमार ने कहा कि 5 लोगों के शव मिले हैं, इसमें चार लड़कियां और उनकी मां है। होटल स्टाफ ने बताया कि अरशद और उसका परिवार 30 दिसंबर को यहां आए थे, पुलिस द्वारा मामले में आगे की जांच की जा रही है। अरशद के पड़ोसियों के अनुसार अरशद दिल्ली वाले के नाम से मशहूर है। उसकी बहन और मां भी किसी से मतलब नहीं रखते थे। बताया जा रहा है कि यह परिवार 12 दिन पहले घर से गया था। इससे पहले भी पूरा परिवार महीनों के लिए गायब हो जाता था। अरशद के बारे में चर्चा तो ये भी है कि पूर्व में उसने अपनी एक बेटी को मार डाला था। उसकी पत्नी कहां गई, किसी को जानकारी नहीं है। मोहल्ले के लोग भी उसके अजीबो गरीब व्यवहार के चलते उससे कम ही बातचीत करते थे। पड़ोस के लोगों ने बताया कि अरशद इस्लाम नगर में वो काफी समय से रहता आ रहा है, लेकिन उसकी दोस्ती किसी से भी नहीं थी और ना ही वो किसी के साथ उठता बैठता था।
जलगांव में जो हुआ, उसे देखकर तो ऐसा लगा जैसे किसी ने चिंगारी फेंकी और पूरा गांव जल उठा! एक हॉर्न ने शुरू किया पथराव, आगजनी और फिर धमाकेदार गोलीबारी का खेल। महाराष्ट्र के जलगांव जिले के पलाधी गांव में एक छोटा सा विवाद एक बड़े हिंसक बवाल में तब्दील हो गया। 31 दिसंबर की रात, जलगांव के पलाधी गांव में शिवसेना मंत्री गुलाबराव पाटिल का परिवार अपनी गाड़ी से जा रहा था। गाड़ी के ड्राइवर ने बिना किसी कारण के हॉर्न बजा दिया और यह सब तब शुरू हुआ, जब गांव के कुछ लोग गुस्से में आ गए। बात बढ़ते-बढ़ते इतनी गई कि शिवसेना कार्यकर्ताओं और गांववालों के बीच भिड़ंत हो गई। और फिर क्या था गुस्से की आग में झोंक दी गई पूरी गांव की सड़कों को।
इस मामले के बाद गुस्साए लोगों ने पथराव शुरू कर दिया, और देखते ही देखते गांव में आगजनी और गोलीबारी की घटनाएं होने लगीं। दुकानों में आग लगाई गई, वाहनों को जलाया गया और तोड़फोड़ की गई। घटना के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की, लेकिन तब तक नुकसान हो चुका था। कुछ ही समय में पूरा गांव आग में झुलस गया था। क्या आपको लगता है कि यह सब एक हॉर्न की वजह से हुआ? यह एक साधारण सी घटना नहीं थी। यह तो जैसे एक चिंगारी थी, जो पहले से जलते हुए अंगारों पर गिरी थी। गांव में पहले से कुछ तनाव था, और वह तनाव जब हॉर्न से टकराया तो विस्फोट हो गया। हॉर्न बजाने से शुरू हुआ यह विवाद पहले गाली-गलौच में बदला, फिर हिंसा और आगजनी में। गुस्से में आई भीड़ ने गांव में बवाल मचा दिया। एक मामूली सी बात से क्या कुछ नहीं हो सकता, ये जलगांव के लोग बता गए। अब सवाल उठता है कि क्या किसी छोटी सी घटना को इतना बढ़ने दिया जाना चाहिए? पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति को काबू किया और कर्फ्यू तक लगाना पड़ा। 25 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और करीब 10 लोगों को हिरासत में लिया गया। लेकिन इस घटना से यह साफ हो गया कि प्रशासन को अब छोटी-छोटी घटनाओं पर पहले से सतर्क रहना होगा। सवाल यह भी है कि क्या प्रशासन ने पहले से ऐसे विवादों को लेकर कोई तैयारी की थी या फिर ये घटना अप्रत्याशित थी? यह सिर्फ जलगांव का मामला नहीं है, हर जगह ऐसा हो सकता है। छोटी सी बात बड़ी हिंसा का रूप ले सकती है, और अगर प्रशासन सतर्क नहीं हुआ, तो यही छोटी सी घटना शहरों को भी अशांत कर सकती है। सवाल ये है कि इतनी छोटी सी बात से आखिरकार यह बवाल क्यों भड़का? क्या इस हिंसा का कोई और कारण था? या फिर ये सिर्फ एक मामूली झड़प थी, जो एक छोटे से हॉर्न के बाद बेकाबू हो गई?
मेलबर्न टेस्ट में टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाजों ने एक बार फिर कंगारुओं के आगे आसानी से घुटने टेक दिये। चौथे टेस्ट में आस्ट्रेलिया के हाथों 184 रन की शर्मनाक हार के साथ ही लगातार खराब फॉर्म से जूझ रहे कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की मांग जोर पकड़ने लगी है। मैच के आखिरी इनिंग में जीत के लिये 340 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए रोहित 9 और कोहली 5 रन बनाकर आउट हो गए। एक ओर जहां रोहित को डिफेंसिव होकर खेलने का खामियाजा भुगतना पड़ा तो वहीं आफ स्टम्प से बाहर जाती गेंद पर कोहली ने एक बार फिर अपना विकेट गंवाया। भारत ने आखिरी सात विकेट 20.4 ओवर में 34 रन के भीतर गंवा दिये और दूसरी पारी में टीम केवल 155 रन पर ऑल आउट हो गई। यशस्वी जायसवाल के विकेट को लेकर बवाल भी मचा की क्या यशस्वी को गलत आउट दिया गया, ऐसा इसलिए क्योंकि जब पैट कमिंस की गेंद पर यशस्वी जायसवाल ने बल्ला चलाया तो गेंद विकेट के पीछे विकेटकीपर के दस्ताने में गई, लेकिन अंपायर ने नॉट आउट दिया जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने DRS रिव्यु लिया, अल्ट्रा एज में कोई हरकत नजर नहीं आई लेकिन दूसरी और ऐसा लग रहा था की गेंद बल्ले से टकराई है, जिसके बाद रिव्यु में ये फैसला साफ गलत नजर आ रहा था, मगर विवाद तब छिड़ा जब तीसरे अंपायर ने उन्हें आउट करार दे दिया। टीम इंडिया के मिडिल आर्डर की बात करें तो पहले टेस्ट में मात्र 63 रन और दूसरी पारी में 14 रन का योगदान रहा जिसमें रोहित शर्मा, विराट कोहली और के.एल राहुल जैसे दिग्गज बल्लेबाज इस क्रम में शामिल हैं। टीम के दो स्टार बल्लेबाज रोहित शर्मा और विराट कोहली जिसमें से एक के कंधे पर टीम को ठोस शुरुआत दिलाने की जिम्मेदारी है तो दूसरे के ऊपर मध्यक्रम में टीम को मजबूती देना है। रोहित ने अब तक पूरी सीरीज में 31 रन बनाए हैं, वही विराट कोहली ने 167 रन बनाये है जिसमें पर्थ में लगाया एक शतक शामिल है। इसके अलावा भी रोहित शर्मा की कप्तानी को लेकर लगातार पूरे सीरीज में सवाल उठे हैं, बतौर कप्तान रोहित शर्मा रणनीति बनाने में भी सफल नहीं हुए, जैसे किस मौके पर किस गेंदबाज का इस्तेमाल करने जैसा अहम फैसला लेना ही क्यों न हो।
ऑस्ट्रेलिया में पांच मैचों की खेली जा रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में टीम इंडिया 1-2 से पिछड़ रही है और दोनों टीमों के बीच सीरीज का पांचवां व अंतिम टेस्ट 3 जनवरी से सिडनी में खेला जाएगा। टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन और सीरीज में हार के खतरे को लेकर टीम के हेड कोच गौतम गंभीर इस समय सबसे ज्यादा दबाव में हैं। गंभीर के कोच रहते टीम इंडिया को श्रीलंका के हाथों 27 साल बाद वनडे सीरीज में शिकस्त मिली। इसके अलावा न्यूजीलैंड ने पहली बार भारत को घर में टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप किया। अब भारतीय टीम पर ऑस्ट्रेलिया के हाथों सीरीज में हार का खतरा मंडरा रहा है। इसके साथ ही उसके WTC फाइनल में पहुंचने की संभावनाएं भी खत्म हो रही हैं। भारतीय टीम के पास लगातार तीसरी बार WTC के फाइनल में पहुंचने का मौका था। मिल रही खबर के अनुसार दावा किया जा रहा है कि भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में इस समय सबकुछ ठीक नहीं हैं और मेलबर्न में टेस्ट मैच के बाद टीम के कुछ स्टार खिलाड़ियों पर कोच गौतम गंभीर ने जमकर अपनी भड़ास निकाली है। एक रिपोर्ट के मुताबिक गंभीर ने मेलबर्न में खिलाड़ियों के ड्रेसिंग रूम लौटने पर कहा, बस बहुत हो गया। खबर के अनुसार गंभीर कुछ खिलाड़ियों के रवैये से खुश नहीं हैं। गंभीर ने खिलाड़ियों से कहा जो टीम के लिए बनाई गई योजना के मुताबिक नहीं खेलेगा, उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। बता दें, मेलबर्न टेस्ट में ऋषभ पंत खराब शॉट खेलकर आउट हो गए, जिसे मैच का टर्निंग प्वाइंट करार दिया गया। विराट कोहली ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद से लगातार जूझते नजर आ रहें हैं और टीम के कप्तान रोहित शर्मा लगातार सस्ते में आउट हो रहे हैं। इन खिलाड़ियों के कारण गौतम गंभीर बेहद चिंतित हैं और अब वह सख्त एक्शन लेने की तैयारी में हैं। इसके अलावा तीसरे टेस्ट में अश्विन के संन्यास के ऐलान के बाद टीम इंडिया में एक शानदार स्पिन गेंदबाज के विकल्प की कमी को साफ तौर पर देखा जा सकता है।