कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज वायनाड लोकसभा सीट से सांसद के रूप में शपथ ली। यह न केवल वायनाड की जनता के लिए बल्कि भारतीय राजनीति के लिए भी एक ऐतिहासिक क्षण है। वायनाड से उनका चुनाव जीतना कांग्रेस के लिए एक बड़ा राजनीतिक संदेश है। यह कदम कांग्रेस पार्टी के पुनरुत्थान और देश की राजनीति में विपक्ष के एकजुट होने की दिशा में देखा जा रहा है।वायनाड लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए हमेशा से एक महत्वपूर्ण गढ़ रही है। यह सीट राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी के साथ लड़ी थी और भारी बहुमत से जीती थी। लेकिन 2023 में राहुल गांधी को मोदी सरकार के खिलाफ उनकी बयानबाजी के चलते मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराया गया, जिससे उन्हें संसद की सदस्यता गंवानी पड़ी। इसके बाद वायनाड उपचुनाव कांग्रेस के लिए एक प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया।कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को वायनाड से चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया। प्रियंका का यह कदम कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए जोश और हौसले का प्रतीक बना। चुनाव प्रचार के दौरान प्रियंका ने किसानों, युवाओं, और स्थानीय जनजातीय समुदाय के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने भाजपा पर वायनाड के विकास को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया और यह वादा किया कि वायनाड के विकास को प्राथमिकता दी जाएगी।
शपथ ग्रहण के बाद मीडिया से बातचीत में प्रियंका गांधी ने कहा,"मैं वायनाड के विकास और वहां के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करूंगी।"उन्होंने कहा कि वायनाड के आदिवासी, किसान और युवा उनके लिए प्राथमिकता होंगे। प्रियंका ने यह भी आश्वासन दिया कि वह वायनाड को एक विकास का मॉडल बनाने की दिशा में काम करेंगी। राहुल गांधी ने प्रियंका का समर्थन करते हुए कहा प्रियंका ने वायनाड से जीत हासिल कर यह संदेश दिया है कि गांधी परिवार अभी भी कांग्रेस की रीढ़ है। प्रियंका गांधी की इस जीत पर विपक्षी दलों के एलाइंस इंडि गठबंधन ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने इसे "लोकतंत्र की जीत" करार दिया। डीएमके प्रमुख स्टालिन ने प्रियंका को बधाई देते हुए कहा कि यह जीत भाजपा के खिलाफ एकजुट विपक्ष की ताकत का प्रतीक है। हालांकि प्रियंका गांधी की जीत कांग्रेस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन उनके सामने कई चुनौतियां भी हैं, इसमें वायनाड के अधूरे पड़े विकास कार्यों को को पूरा करना शामिल है। बता दें, वायनाड एक आदिवासी बहुल क्षेत्र है जहां बुनियादी सुविधाओं की कमी है, ऐसे में प्रियंका के लिए यह जरूरी होगा कि वह इस क्षेत्र में विकास कार्य तेज करें।
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्धविराम को लेकर सहमति बन गई है। अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के अनुसार ये युद्धविराम समझौता मिडिल ईस्ट में शांति के लिए किए गए एलान के बाद शुरू किया गया है। हालांकि, इस समझौते से गाजा में हमास के खिलाफ इजराइल द्वारा जारी मिलिट्री ऑपरेशन पर कोई असर नहीं पड़ेगा और मौजूदा समय में इसके खत्म होने के कोई आसार भी नहीं दिख रहे हैं। इस समझौते के तहत इसराइल-हिज्बुल्लाह के बीच कई मुद्दों पर डील हुई है। इजरायली मीडिया के अनुसार, इजरायली कैबिनेट ने कल शाम 10-1 के वोट से अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता में हुए युद्धविराम समझौते को मंजूरी दे दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस खबर का एलान करते हुए कहा कि संघर्ष विराम सुबह 4 बजे जो की भारतीय समयानुसार सुबह 7:30 बजे है से प्रभावी होगा और यह लेबनान के लिए एक नई शुरुआत होगी। बता दें, हिजबुल्लाह एकमात्र ऐसा मिलिटेंट ग्रुप है जिसने 1990 में लेबनान में हुए गृहयुद्ध के बाद अपने हथियार सौंपने से इनकार कर दिया था और संघर्ष विराम वार्ता के दौरान मौजूद भी नहीं था। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के हवाले से मिल रही खबर के अनुसार लेबनान की संसद के अध्यक्ष नबीह बेरी ने हिजबुल्लाह की ओर से इस युद्धविराम समझौते की वार्ता में भाग लिया। बताते चलें कि बुधवार की सुबह भी युद्धविराम शुरू होने से एक घंटे से भी कम समय पहले, इजरायली सेना द्वारा निकासी के आदेश के लगभग दो घंटे बाद, दक्षिण बेरूत में हवाई हमले किए गए थे।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि अमेरिका की सोच के साथ इजरायल लेबनान में 'सैन्य कार्रवाई की पूरी आजादी' को जारी रखेगा। इजरायली प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि अगर हिज्बुल्लाह ने समझौते का उल्लंघन किया और हथियार उठाए तो हम फिर पूरी ताकत के साथ हमला करेंगे। अगर इजरायल से जुड़ी सीमा के पास आतंकवादी संगठनों द्वारा फिर से किसी तरह का आधारभूत ढाँचा बनाया जाएगा तो हम हमला करेंगे और साथ ही इजरायल पर अगर रॉकेट या मिसाइल लॉन्च किए गए, टनल बनाए गए तो हम फिर हमला करेंगे। बाइडन ने बेंजामिन नेतन्याहू का समर्थन करते हुए कहा कि अगर हिज्बुल्लाह या किसी भी अन्य आतंकवादी समूह ने समझौते को उल्लंघन किया और इजरायल के लिए खतरा पैदा किया तो ऐसे में इजरायल के पास अंतरराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक आत्मरक्षा का पूरा अधिकार होगा। समझौते के अनुसार संघर्ष विराम के दौरान दोनों ओर से गोलीबारी बंद रहेगी। हालांकि, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हिजबुल्लाह के किसी भी उल्लंघन पर इजरायल की ओर से जोरदार जवाबी कार्रवाई होगी। इजरायली अधिकारी ने कहा है कि ये संघर्ष विराम उन्हें गाजा और ईरानी खतरे पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देगा, जिससे इजरायली सेना को फिर से अपनी जरूरतों की आपूर्ति को पूरा करने का समय मिल जाएगा। इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि इस समझौते के बाद हिजबुल्लाह लड़ाई से बाहर हो जाएगा, तो हमास लड़ाई में अकेला रह जाएगा और उस पर इसका दबाव बढ़ जाएगा और उसे भी समझौता करने पर मजबूर करेगा।
अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बार अमेरिका और फ्रांस इस मौजूदा त्रिपक्षीय व्यवस्था में शामिल हैं। इन दो देशों के अलावा इस त्रिपक्षीय तंत्र में संयुक्त राष्ट्र इंटरिम फाॅर्स, लेबनान और इजरायल भी है और इन्हीं पर इस युद्धविराम की निगरानी की जिम्मेदारी होगी। दोनों देशों के बीच बनाए गए बफर जोन वाले इलाके में अमेरिकी सैनिक नहीं होंगे, लेकिन लेबनानी सेना की मदद के लिए फ्रांस का सैन्य सहयोग रहेगा। बता दें, ऐसा अतीत में भी हुआ है जब फ्रांस लेबनान की सेना को मदद देगा। वहीं बाइडन ने इजरायली चिंता की बात करते हुए कहा कि हिज्बुल्लाह के आतंकवादियों को दक्षिणी लेबनान में किसी भी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं होगी। इस संघर्ष विराम के हिस्से के रूप में, लेबनानी सेनाएं 60 दिनों के दौरान दक्षिण की ओर अपनी तैनाती शुरू करेंगी, जिसके बाद इजरायल की लेबनानी क्षेत्र से वापसी होगी। समझौते के तहत हिजबुल्लाह को दक्षिणी सीमा से पीछे हटने और लितानी नदी की ओर बढ़ना होगा। बताते चले कि यह समझौता लगभग संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 जैसा है, जिससे साल 2006 में इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच युद्ध का अंत हुआ था। साल 1701 के प्रस्ताव के अनुसार लिटानी नदी के दक्षिणी इलाके में लेबनानी सैनिकों और यूएन के शांति सैनिकों के अलावा कोई और दूसरा हथियारबंद समूह नहीं रहेगा, लेकिन इजरायल की ओर से हमेशा आरोप लगाया जाता रहा है कि लेबनान समझौते का उल्लंघन करता रहा है। इजरायल का कहना था कि लेबनान द्वारा हिज्बुल्लाह को इस इलाके में व्यापक पैमाने पर निर्माण की अनुमति दी गई थी।
पिछले कई महीनों से चल रहे भीषण युद्ध के बाद अब इजरायल और लेबनान के बीच युद्धविराम पर बात बन गई है। बता दें, दोनों देशों की सहमति से ये फैसला हुआ है और इजरायल-लेबनान के बीच सीजफायर के फैसले का भारत ने भी स्वागत किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम इजरायल और लेबनान के बीच घोषित युद्ध विराम का स्वागत करते हैं। हमने हमेशा तनाव कम करने, संयम बरतने और बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया है और हमें उम्मीद है कि इन घटनाक्रमों से व्यापक क्षेत्र में शांति और स्थिरता आएगी। युद्धविराम पर यह समझौता बुधवार, 27 नवंबर की आधी रात से लागू की जाना है। हिजबुल्लाह ने शुरुआती तौर पर इस फैसला का समर्थन दिया है और इस युद्धविराम के बाद दोनों पक्षों पूर्वी एशिया में शांति स्थापित होने की उम्मीद जगी है। इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच हुए सीजफायर की शर्तों के अनुसार इस समझौते में 60 दिनों का युद्धविराम किया गया है। सीजफायर के अनुसार इजरायली सैनिक लेबनान से वापस जाएंगे। हिजबुल्लाह के लड़ाके भी दक्षिणी लेबनान में इजरायली सीमा से हटेंगे। वहीं, समझौते में इस बात पर जोर दिया गया है कि हिजबुल्लाह अगर युद्धविराम का उल्लंघन करता है तो इजरायल को हमला करने का अधिकार होगा। हालांकि, लेबनान की ओर से इस प्रावधान का कड़ा विरोध जताया गया।
भारत सरकार की तरफ से लोगों के मनोरंजन को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। आप सब को जानकर हैरानी होगी और बेहद हर्ष भी होगी कि प्रसार भारती ने 55वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में WAVES OTT प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। प्लेटफॉर्म लॉन्च करते समय प्रसार भारती ने हर भाषा का भी ध्यान रखा है और यही कारण है कि प्लेटफॉर्म 12 से अधिक भाषाओं में उपलब्ध होगा और दर्शकों को मुफ्त में 65 लाइव चैनल, वीडियो-ऑन-डिमांड, गेमिंग और शॉपिंग जैसी सुविधाएँ प्रदान करेगा। 55वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) में जब इसे लॉन्च किया गया तब उस समय सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव और गोवा के मुख्यमंत्री भी इस दौरान मौजूद रहे। भारत का विश्वसनीय दूरदर्शन भी अब OTT पर मौजूद होगा। सरकारी पब्लिक ब्रॉडकास्टर प्रसार भारती ने डिजिटल स्ट्रीमिंग वर्ल्ड में अपना कदम रख दिया गया है। इस प्लेटफॉर्म को वर्ल्ड टेलीविजन डे पर लॉन्च किया गया है। इस हफ्ते लॉन्च हुए WAVES OTT को आप एंड्रॉयड और iOS दोनों ही प्लेटफॉर्म पर देख पाएंगे। इस ऐप को आप फ्री में Apple App Store और Google Play Store से एक्सेस कर पाएंगे।
इस सरकारी प्लेटफॉर्म पर ज्यादातर कंटेंट्स आपको फ्री मिलेंगे, वहीं प्रीमियम कंटेंट के लिए आपको सब्सक्रिप्शन प्लान लेना होगा। प्लेटिनम प्लान की कीमत 999 रुपये प्रति साल रखा गया है, जिसमें आपको 1080P स्ट्रीमिंग, चार डिवाइस पर एक्सेस, डाउनलोड, लाइव टीवी, रेडियो, बैकग्राउंड प्ले, 10 परसेंट का डिस्काउंट ऑन डिमांड टीवी पर मिलेगा। डायमंड प्लान की कीमत 350 रुपये प्रति साल रहने वाली है, यूजर चाहें तो 85 रुपये में तीन महीने या 30 रुपये प्रति माह की कीमत पर डायमंड प्लान खरीद सकते हैं, इस प्लान में आपको 720P स्ट्रीमिंग और दो डिवाइस पर एक्सेस मिलेगा। इस प्लेटफॉर्म पर आपको रेट्रो मॉर्डन डिजिटल ट्रेंड देखने को मिलेगा। इस पर आपको हिंदी, इंग्लिश, बंगाली, मराठी, कन्नड़, मलयालम, तेलगू, तमिल, गुजराती, पंजाबी और आसामी भाषा में कंटेंट मिलेगा। प्रसार भारती का कहना है कि इस ऐप को बनाते समय हर भारतीय का ध्यान रखा गया है। यही वजह है कि इसमें हर भारतीय के हिसाब से सुविधाओं को ऐड किया गया है। इसके अलावा WAVES OTT प्लेटफॉर्म पर आपको वीडियो ऑन डिमांड, फ्री-टू-प्ले गेमिंग, 65 लाइव चैनल के साथ लाइव टीवी स्ट्रीमिंग, रेडियो स्ट्रीमिंग, ऐप इंटीग्रेशन और ONDC के जरिए ऑनलाइन शॉपिंग की सुविधा मिलेगी। प्लेटफॉर्म युवा कंटेंट क्रिएटर्स को भी फीचर करेगा, जिन्हें नेशनल क्रिएटर अवॉर्ड दिया गया है।
Netflix, Jio Cinema और Hotstar जैसे विभिन्न OTT प्लेटफार्म पहले से ही मार्केट में मौजूद हैं और अब तक इन सभी का एक तरफा वर्चस्व भी है, लेकिन WAVES OTT की हाल में ही हुई एंट्री से इन सभी प्लेटफार्म को कड़ी टक्कर मिलने वाली है, क्यूंकि इस प्लेटफार्म को देखने के लिए आपको सब्सक्रिप्शन लेने की जरूरत नहीं होगी। यह प्लेटफार्म उन यूजर्स के लिए काफी फायदेमंद होने वाला है जो बिना सब्सक्रिप्शन के कंटेंट का एक्सेस चाहते हैं, यानी आपको अलग से कुछ पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं होगी। बता दें, इस प्लेटफॉर्म पर आपको Roll No. 52, Fauji 2.0, Kicking Balls, जैक्सन हॉल्ट, जाइये आप कहां जाएंगे जैसे पॉपुलर शो का एक्सेस मिलेगा। इसके अलावा Monkey King: The Hero is Back, Fouja, भेद भ्रम, थोड़े दूर थोड़े पास, भारत का अमृत कलश के साथ आपको छोटा भीम, अकबर बीरबल और दूसरे एनिमेटेड कंटेंट का एक्सेस मिलेगा। Waves पर लगभग 40 लाइव चैनल्स भी उपलब्ध हैं, जिनमें लोकप्रिय B4U, ABZY, SAB ग्रुप, और 9X मीडिया जैसे चैनल शामिल हैं। वहीं इसके साथ ही रिपब्लिक, NDTV इंडिया, इंडिया टुडे, न्यूज नेशन के साथ ही ABP न्यूज, न्यूज-24 जैसे चैनल मुफ्त में देखे जा सकते हैं। लाइव चैनल के अलावा इसपर आरक्षण, वन डे, द इम्पॉसिबल, और एलिस डार्लिंग जैसी फिल्में भी देखी जा सकती है। आप इस प्लेटफॉर्म की वेबसाइट wavespb.com से सब्सक्रिप्शन खरीद सकते हैं।
ICC द्वारा जारी ताजा टेस्ट रैंकिंग में एक बार फिर भारत के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह शीर्ष स्थान पर पहुंच गए हैं। बुमराह ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट मैच में शानदार प्रदर्शन किया था और आठ विकेट झटके थे। बुमराह को उनके प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया था। रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने इस मैच में कप्तानी की थी और टीम ने उनके नेतृत्व में कंगारुओं के विरुद्ध जीत दर्ज कर पांच मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है। आपको बता दें, ताजा रैंकिंग में बुमराह ने दक्षिण अफ्रीका के कैगिसो रबाडा को पीछे छोड़ा और एक कैलेंडर वर्ष में दूसरी बार टेस्ट गेंदबाजों की रैंकिंग में पहले स्थान पर पहुंच गए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच के शुरू होने से पूर्व भारत के स्टार खिलाड़ी बुमराह गेंदबाजों की रैंकिंग में रबाडा और जोश हेजलवुड के बाद तीसरे स्थान पर थे। पहले टेस्ट मैच में अपने आठ विकेट के दमदार प्रदर्शन के बदौलत बुमराह को ये कामयाबी मिला और वह एक बार फिर ICC की टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंच गए, जिसके बाद अब दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज रबाडा दूसरे स्थान पर खिसक गए हैं। वहीं, भारत के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में पांच विकेट लेने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड इस रैंकिंग में तीसरे स्थान पर हैं। टेस्ट रैंकिंग में बुमराह के अलावा, ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध शानदार सतकिय पारी खेलने वाले यशस्वी जायसवाल ने भी रैंकिंग में अच्छी छलांग लगाई है। बता दें, यशस्वी बल्लेबाजों की रैंकिंग में दो स्थान के सुधार के साथ दूसरे स्थान पर आ गए हैं। उनसे आगे फिलहाल इंग्लैंड के जो रूट हैं। यशस्वी की रेटिंग अंक 825 है जो उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ रेटिंग है।
न्यूजीलैंड के खिलाफ अपनी ही होम पिच पर 0-3 से क्लीन स्वीप होने के बाद भारतीय टीम की ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध पहले ही मैच में धमाकेदार वापसी कई माइनो में खास है। टीम में बड़े-बड़े नामों के बीच अपने ही घर में न्यूजीलैंड से मिली हार के बाद टीम का मनोबल डाउन था पर आज भारत की युवा टीम ने तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में कई स्टार खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में ऑस्ट्रेलिया पर बड़ी जीत दर्ज की है। टीम में न तो रोहित शर्मा थे, न ही शुभमन गिल, न ही रवींद्र जडेजा और न रविचंद्रन अश्विन और न ही मोहम्मद शमी थे, इसके बावजूद टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। बता दें, इस टेस्ट से पहले ऑस्ट्रेलिया ने पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में चार टेस्ट खेले थे और सभी में जीते भी थे पर आज भारत से मिली हार के बाद कंगारुओं की जीत का ये सिलसिला टूट गया। इस मैच में खास बात यह है कि ऑस्ट्रेलिया की तुलना में कम अनुभव वाली टीम इंडिया ने कंगारुओं को पूरी तरह से चौंकाया है। भारत का यह ऑस्ट्रेलिया में रनों के अंतर से सबसे बड़ी जीत भी है। 295 रन से यह मुकाबला जीतने से पहले भारत ने मेलबर्न में 1977 में 222 रन से जीत दर्ज की थी। वहीं, 2018 में भारत ने मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया को 137 रन से हराया था। जसप्रीत बुमराह ने अपनी कप्तानी में टीम को फ्रंट से लीड किया, जब भी टीम मुश्किल में पड़ी, उन्होंने विकेट निकालकर दिया। पहली पारी में बुमराह ने पांच विकेट और दूसरी पारी में तीन विकेट लिए। उन्हें इसके लिए प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया।